नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह (New Parliament Inauguration) से पहले सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। विपक्ष ने समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इस रार के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने समूचे विपक्ष को आईना दिखाया है। उन्होंने कहा है कि गुजरे 9 सालों में 5 गैर-भाजपाई राज्यों में नई विधानसभा का या तो शिलान्यास या फिर उद्घाटन हुआ। इन सभी का उद्घाटन मुख्यमंत्री या फिर पार्टी अध्यक्ष ने किया। कोई एक भी उदाहरण नहीं मिलता है जिसमें राष्ट्रपति या फिर राज्यपाल को बुलाया गया हो। हिमंत ने उनमें से कुछ मामलों का जिक्र भी किया है।
इसके बाद केंद्र सरकार के बचाव में हिमंत बिस्वा सरमा ने मजबूत दलील पेश की। उन्होंने बुधवार को इस मसले पर ट्वीट कर हंगामा मचा रहे विपक्ष को आईना दिखाया। हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया कि पिछले 9 सालों में 5 गैर-भाजपा/विपक्षी राज्य सरकारों ने नए विधानसभा भवन का या तो शिलान्यास किया या उद्घाटन किया। सभी का मुख्यमंत्री या पार्टी अध्यक्ष ने शुभारंभ किया। एक भी उदाहरण नहीं है जिसमें राज्यपाल या राष्ट्रपति को आमंत्रित किया गया हो।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट में 4 मामलों का जिक्र भी किया है जब विधानसभा भवन का शिलान्यास या उद्घाटन हुआ। लेकिन, राज्यपाल को आमंत्रित नहीं किया गया। पहला मामला 2014 का है। झारखंड और असम में यूपीए के तत्कालीन मुख्यमंत्रियों ने विधानसभा का उद्घाटन किया। हालांकि, गर्वनर को नहीं बुलाया। फिर 2018 में आंध्र प्रदेश के सीएम ने नई एसेंबली का शिलान्यास किया। लेकिन, गवर्नर को नहीं बुलाया। 2020 में सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ की विधानसभा के लिए शिलान्यास किया। उसमें भी गवर्नर को आमंत्रित नहीं किया गया। 2023 में सीएम ने तेलंगाना एसेंबली का उद्घाटन किया। हालांकि, गवर्नर को नहीं बुलाया गया था।
आरजेडी और जेडीयू के तर्कों को बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सिरे से खारिज कर दिया है। सम्राट चौधरी कहते हैं कि जब बिहार विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार कर सकते हैं तो संसद भवन का उद्घाटन पीएम क्यों नहीं कर सकते। बे सिर-पैर की बातें विपक्ष कर रहा है। उसके बायकॉट के फैसले का कोई मतलब ही नहीं। विरोध सिर्फ विरोध के लिए नहीं होना चाहिए। विरोध के तर्क और आधार भी होने चाहिए।
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस समय पीवी नरसिम्हा राव पीएम थे, शिवराज पाटिल स्पीकर हुआ करते थे। वह संसदीय कार्य मंत्री थे। शिवराज ने उनसे कहा था कि 2026 से पहले एक नया और बड़ा संसद भवन बनाया जाना चाहिए। यह अच्छा है कि नए भवन का निर्माण किया जा चुका है। उद्घाटन समारोह में कौन शामिल होगा या कौन बहिष्कार करेगा, इस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।