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स्पीड कम थी, फिर खाई में कैसे गिरी Vaibhavi Upadhyaya की कार! वो हादसा, जिसने टीवी इंडस्‍ट्री को दिया बड़ा सदमा

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वैभवी उपाध्याय इस दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं। उनकी मौत ने सभी को सन्न कर दिया। उनके दोस्त, फैमिली मेंबर्स और करीबी अभी भी सदमे में हैं। उनके अंतिम संस्कार पर हर किसी की आंखें नम थीं। वैभवी ने तीन महीने पहले 14 फरवरी को जय गांधी से इंगेजमेंट की थी। वो अपने मंगेतर के साथ ही 15 दिनों के लिए वेकेशन पर हिमाचल प्रदेश गई थीं। इसी दौरान कार का एक्सीडेंट हुआ और वो चल बसीं।

Vaibhavi Upadhyaya का भाई फ्लाइट से उस घटनास्थल के पास गए थे, जहां से एक्ट्रेस का शव बरामद किया गया था। चूंकि एक्सीडेंट हुआ था, इसलिए ये पुलिस केस बना। आखिर ये एक्सीडेंट कैसे हुआ, कब हुआ… हमारे सहयोगी ईटाइम्स की रिपोर्ट में जानिए पल-पल का पूरा अपडेट। क्योंकि जब एक्सीडेंट की खबर आई थी, तब ये कहा जा रहा था कि कार स्पीड में थी और कंट्रोल खोने की वजह से हादसा हो गया, लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ था।

कार को ट्रक ने मारी जोरदार टक्कर
वैभवी और उनके मंगेतर कार में ट्रैवल कर रहे थे। एक तीव्र मोड़ (Steep Turn) आया। उन्होंने अपोजिट डायरेक्शन से आ रहे ट्रक को गुजरने दिया। कार को वैभवी के मंगेतर चला रहे थे। जैसे ही उन्होंने कार आगे की, ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर की वजह से तेज झटका लगा और वैभवी जिस साइड बैठी थीं, उस तरफ खाई (घाटी) थी।

सिर पर लगी चोट, कार्डियक अरेस्ट
झटका बहुत जोरदार था, क्योंकि माना जाता है कि कार पलटते हुए खाई में जा गिरी। वैभवी के मंगेतर को दोनों हाथ में हल्की चोट लगी, लेकिन चूंकि वैभवी घाटी की तरफ बैठी थीं, इसलिए उन्हें गंभीर चोटें लगीं। दुर्भाग्य से उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहना था। उनके सिर पर लोट लगी और स्पॉट पर ही मैसिव कार्डियक अरेस्ट आया। जल्द ही बहुत सारे लोग इकट्ठा हो गए और उन्हें बाहर लाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

इसी साल 14 फरवरी को हुई थी सगाई

जानकारी के मुताबिक, वैभवी ने इसी साल 14 फरवरी को बिजनेसमैन जय गांधी से सगाई की थी। दोनों सात महीने बाद शादी भी करने वाले थे। उनकी दोस्त आकांक्षा रावत ने बताया था कि ट्रिप पर जाने से पहले उनकी वैभवी से बात हुई थी। उन्होंने शादी की प्लानिंग के बारे में भी बातें की थीं।

अंतिम विदाई देने पहुंचे मंगेतर

वैभवी के मंगेतर का वीडियो सामने आया है। वो एक्ट्रेस को अंतिम विदाई देने शमशान घाट पहुंचे थे। उनके दोनों हाथ में पट्टी बंधी हुई थी। वो सही से चल भी नहीं पा रहे थे।

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