पर-भारी ; मन-तरी

0
पर-भारी ; मन-तरी ' ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल सूबे में हुजूर की सरकार है,और जब हुजूर की सरकार है तो उन्हीं के हाथों में सारे अधिकार है।...

यक्षप्रश्न : तो फिर कब आएँगे नेता जी!?

0
यक्षप्रश्न : तो फिर कब आएँगे नेता जी!?   मतदाताओं को अक्सर इस प्रश्न का उत्तर नेता जी नहीं दे पाते हैं । चुनाव में मतदाताओं...

बुड्ढे और बुढ़ापा तुम्हारी खैर नहीं ; दिन ऐसे जल्दी इतनी आएँगे ,सोचा न...

0
अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस ; दिन ऐसे जल्दी इतनी आएँगे ,सोचा न था ~डॉ.प्रदीप मिश्रा मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी बूढ़ा हो जाउंगा।पहले जो लोग...

आपको मालूम है, मेरे पास एक धड़कता हुआ दिल है!?

0
आपको मालूम है, मेरे पास एक धड़कता हुआ दिल है!? ~डॉ.प्रदीप मिश्रा आज विश्व ह्रदय-दिवस है! ह्रदय को स्वस्थ रखने में डॉक्टरों ने अपनी जिम्मेदारियों को बहुत...

सरकारी हिन्दी की ऋतु आई, सखि!

0
सरकारी हिन्दी की ऋतु आई, सखि! ~ प्रेम जनमेजय दोनो सखियाँ इन दिनों काम के बोझ की मारी हैं। दोनो सरकारी नौकरी में हैं। दोनो सखियाँ...

मित्र प्रभुत्व!!

0
मित्र प्रभुत्व!! –डॉ.प्रदीप मिश्र प्राणों से प्यारे सम्मान्य मित्रवर..! मैं यहाँ स्वस्थ और प्रसन्न हूँ आशा है आप सपरिवार तंदुरुस्त होंगे। बंधु, इस पत्र का प्रेषण , मैं...

वेबीनार में पर्यावरण विशेषज्ञ

0
वेबीनार में पर्यावरण विशेषज्ञ!! ―डॉ.प्रदीप मिश्र हरदास चाचा, पाँच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए निकल रहे थे। वेषभूषा विचित्र थी― टाई, एवन का...

तमाचे का पॉवर

0
तमाचे का पॉवर ―अनिल अयान जब कोई न सुने तो एक तमाचा जड़ दिया, ऐसे किस्से और घटनाओं से हम रोज दो चार होते‌ हैं, यह...

अंतिम संस्कार की हड़बड़ी!!

0
अंतिम संस्कार की हड़बड़ी!! ―डॉ. प्रदीप मिश्र समस्त मरणोत्सुक महानुभावों से अनुरोध है कि कृपया वे मरने में हड़बड़ी न करें और यथासंभव, यथासमय ही मरें।...

व्यंग्य-कोरोना मुस्कुरा रहा है

0
व्यंग्य "कोरोना मुस्कुरा रहा है" ―प्रो.प्रदीप मिश्र मैंने कोरोना से पूछा,"व्हाट इज योर नेक्स्ट.?" -" क्या बोले.।" उसकी अंग्रेजी में खलल था। -" मतलब ये के तुम्हारा आगे का...
20,539FansLike
2,325FollowersFollow
0SubscribersSubscribe