नई दिल्ली । अमेरिकी डॉलर की कीमत में गिरावट की वजह से घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में चार सप्ताह से जारी गिरावट पर लगाम लग गई और शुक्रवार को यह बढ़त के साथ बंद हुआ। वहीं कमजोर भारतीय रुपए ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज जैसे घरेलू सूचंकाकों पर बढ़त बनाने में सोने की मदद की। साथ ही वैश्विक इक्विटी बाजारों में जारी गिरावट ने सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की वैल्यू को और पुख्ता किया। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे ही फैक्टर्स के बारे में बात की गई है जिनसे निकट भविष्य में सोने के दाम प्रभावित होंगे, जो निम्नलिखित हैं-
– डॉलर इंडेक्स: डॉलर की चाल सोने की कीमत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी। अगर डॉलर की कीमत और घटती है तो सोने की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
– यूएस की पहली तिमाही का जीडीपी डेटा: आईआईएफएल सिक्योरिटीज के एक रिसर्च अधिकारी ने कहा है, यूएस की पहली तिमाही का जीडीपी डेटा 26 मई 2022 को आएगा। अगर नतीजे उम्मीद से खराब आते हैं तो सोने के दाम में तेजी देखने तो मिल सकती है।
– यूएस फेड की बैठक: अमेरिका के केंद्रीय बैंक के अधिकारियों की अगले हफ्ते बैठक होने जा रही है। हालांकि, उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी है कि ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की जाएगी लेकिन बैठक के बाद तस्वीर और साफ हो जाएगी।
– रुपया बनाम डॉलर: हाल ही में भारतीय रुपए ने डॉलर के मुकाबले अपना अब तक का न्यूनतम स्तर देखा था। अगर रुपया अपनी स्थिति में सुधार करता है तो सोने की कीमतें भी मजबूत होंगी।
– ईंधन की कीमतें: बाजार के जानकार कहते हैं कि अगर ईंधन की कीमतों में लगातार इजाफा होता रहा तो लोग मुद्रास्फीति से बचाव के लिए सोने में निवेश करेंगे। यूरोपियन यूनियन द्वारा रूप से तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की आशंकाओं और चीन में लॉकडाउन में छूट से तेल की मांग और दाम दोनों में तेजी आ सकती है।