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पानी मांगने के बहाने नाबालिग से दुष्कर्म:आरोपी को 10 साल की कैद,अदालत ने कहा-निजता पर हमला है बलात्कार, देता है मृत्यु तुल्य दर्द

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सतना में एट्रोसिटी एक्ट की स्पेशल कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में दुष्कर्मी को 10 वर्ष की कैद और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए बलात्कार को निजता पर हमला करार देते हुए अपनी टिप्पणी में लिखा है कि ऐसी घटनाएं मृत्यु तुल्य कष्ट देती हैं।

एट्रोसिटी एक्ट सतना की स्पेशल कोर्ट के जज सतीशचन्द्र राय ने बलात्कार के 11 वर्ष पुराने एक मामले में आरोपी चतुर्भुज द्विवेदी पिता राम सजीवन द्विवेदी निवासी मेहुती को 10 वर्ष की कठोर कैद की सजा सुनाई है। आरोपी पर 5 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने पर उसे 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस मामले में अभियोजन की तरफ से पैरवी लोक अभियोजक रमेश मिश्रा ने की।

अभियोजन के अनुसार घटना 11 वर्ष पहले 8 अप्रैल 2012 की है। आरोपी चतुर्भुज द्विवेदी ने रास्ते मे मिली नाबालिग से पीने का पानी मांगा। किशोरी घर आई और यहां से उसे देने के लिए पानी लेकर जब वहां पहुंची तो आरोपी ने उसका हाथ पकड़ लिया और जबरदस्ती करने लगा।

आरोपी ने किशोरी का मुंह दबा लिया और उसे पकड़ कर पास में बनी अहरी में ले गया जहां उसने नाबालिग के साथ दुराचार किया। रात में माता-पिता के खेत से लौट कर घर आने पर पीड़िता ने उन्हें आपबीती सुनाई जिसके बाद थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 376(1) के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया और विवेचना के बाद प्रकरण अदालत में पेश किया।

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