नई दिल्ली: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट में बवाल मचा हुआ है। टीम के ओपनर बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने अपने क्रिकेट पर जमकर भड़ास निकाली। सिडनी हेराल्ड को दिए इंटरव्यू में वॉर्नर ने कहा कि जिस तरह से बोर्ड ने मेरे कप्तानी पर प्रतिबंध के मामले पर काम किया है वह अपमानजनक है। बोर्ड ने इस मामले को निपटाने बजाय इसे और अधिक लंबा कर दिया है जो काफी निराशाजनक है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए।
यह पूरा मामला साल 2018 का है जब ऑस्ट्रेलिया की टीम साउथ अफ्रीका दौरे पर गई थी। इसी दौरे पर सैंड पेपर गेट कांड हुआ था। इस घटना में कैमरुन बैनक्रॉफ्ट को गेंद पर कुछ रगड़ते हुए पाया गया था। इस पूरे मामले में यह पाया गया कि वह बॉल टेंपरिंग कर रहे थे और इसमें कप्तान स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की भी संलिप्तता थी।
स्मिथ और वॉर्नर उस दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान और उपकप्तान थे। इसके बाद दोनों पर एक-एक साल का बैन लगा था जबकि बैनक्रॉफ्ट पर 9 महीने का प्रतिबंध लगा। इस प्रतिबंध में वॉर्नर पर आजीवन कप्तानी से बैन लगा दिया गया था।
अपने इंटरव्यू में वॉर्नर ने कहा, ‘मैं इस पूरे मामले के कारण अपने खेल पर ध्यान नहीं लगा पा रहा हूं। टेस्ट मैच के दौरान लगातार मेरे पास कॉल आते रहे और मुझे खेल पर ध्यान देने के बजाए वकीलों से बात करनी पड़ रही थी। मेरे लिए यह अपमानजनक है और मुझे बहुत निराशा हुई है।’
बता दें कि वॉर्नर पिछले साल नवंबर में एक अपील दायर की थी। अपने इस अपील में वॉर्नर ने मांग की थी उन पर जो कप्तानी का बैन लगा है उसे हटा लिया जाए। इस पूरे मुद्दे पर वॉर्नर ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि, ‘उनका इरादा मुझे अपमानित करने का था। मैं पैनल से चाहता था कि मेरे अपील पर एक बंद कमरे में सुनवाई हो लेकिन वह इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करना चाहते
थे, जो कि बिल्कुल भी ठीक नहीं है।’